उसकी आवाज़ में गंभीरता के साथ सभ्यता भी थी और हलकापन भी था। उसकी आवाज़ में गंभीरता के साथ सभ्यता भी थी और हलकापन भी था।
छोटी छोटी ख़ुशियों को समेटते हुए इंसान कहाँ समझ पाता अगले पल क्या होने वाला। .....बेमौसम बरसात की तरह... छोटी छोटी ख़ुशियों को समेटते हुए इंसान कहाँ समझ पाता अगले पल क्या होने वाला। .......
पति-पत्नी के अटूट प्रेम को दर्शाती एक अनोखी कहानी... पति-पत्नी के अटूट प्रेम को दर्शाती एक अनोखी कहानी...
फिर होंठों पर प्यारी मुस्कान लिए हुए ही, उसने आँख मूँद ली थी थी। अब वह सोना चाहती थी। फिर होंठों पर प्यारी मुस्कान लिए हुए ही, उसने आँख मूँद ली थी थी। अब वह सोना चाहत...
उठो श्रीमती जी! कितना आराम करोगी। चलो चाय पी लो उठो श्रीमती जी! कितना आराम करोगी। चलो चाय पी लो
वह मुझे मन ही मन अपना पति मान भी चुकी है और मैं भी उससे प्रेम करने लगा हूं वह मुझे मन ही मन अपना पति मान भी चुकी है और मैं भी उससे प्रेम करने लगा हूं